Tuesday, July 25, 2023

फूलन देवी की कहानी

 एक ऐसी महिला थी जिसका जीवन कहानी बहुत रोचक और दिलचस्प था। उनका जन्म 10 अगस्त 1963 में उत्तर प्रदेश के मप्रा गांव में हुआ था। फूलन देवी का बचपन बहुत कठिन था और उन्हें बचपन से ही गरीबी और न्यायसंगत समाज के द्वारा ना-इंसाफ का सामना करना पड़ता था।

उनके पिता की मृत्यु के बाद, फूलन देवी को समाज में छोड़ दिया गया था और उन्हें छोटे भाई-बहनों का प्यार और समर्थन देने का बोझ था। युवावस्था में, एक सामाजिक अन्याय के कारण, उन्हें शादी करनी पड़ी, लेकिन शादी के बाद भी उन्हें विवाहित जीवन में बहुत सारी समस्याएं थीं।

फूलन देवी की जिंदगी में बदलाव आया, जब एक डकैत समूह ने उन्हें अपनी दल की साथी बनाया। वे धीरे-धीरे इस समूह का अगुआ हुईं और अपनी पहचान बनाईं। पुलिस ने भी उन्हें एक खतरनाक डकैत माना और उन्हें 'फूलन देवी' के नाम से जाना जाने लगा।

फूलन देवी के दस्तुर्म करते वक्त उन्होंने कई भाषाओं में जनता की मदद की और गरीब लोगों को न्याय दिया। उन्होंने विधवा और बेटियों के लिए आश्रम खोला और उन्हें एक बेहतर जीवन का मार्ग दिखाया।

धीरे-धीरे, फूलन देवी का दल बड़ा होता गया और वे भारत के सबसे खतरनाक डकैतों में से एक मानी जाने लगीं। इन्होंने डकैती के रूप में कई गंदे कार्य किये, लेकिन उनकी कहानी में एक ऐसा पल भी था जब वे भारत सरकार से समझौते पर हस्ताक्षर करके अपराधियों से संघर्ष करने का फैसला करती हैं।

फूलन देवी की धरती पर अंत तक लड़ाई जारी रही, लेकिन उन्हें 2001 में एक संघर्ष के दौरान गोलियों से घायल होकर जिंदगी से अलविदा कहना पड़ा।

फूलन देवी की कहानी हिंदी सिनेमा में भी प्रकाशित की गई है। उनकी कहानी के जीवन के महत्वपूर्ण पलों और साहसिक कदमों को प्रस्तुत करती फिल्में बनाई गईं और उन्हें समाज में एक अद्भुत नायिका के रूप में याद किया जाता है l


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    फूलन देवी की कहानी

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